गीत
मेरा मन करता है मैं पंछी बन जाऊ
पंख लगा के सपनो के मैँ ऊंची उड़ती जाऊ
सुबह सुबह मैं कुह कुह कह मीठा गीत सुनाऊं और शाम को बागो में बन के मयूरी इठलाऊँ
चिड़ियों के जैसे घोंसले बनाऊं
बन के कबूतर प्रेम प्यार के संदेश पहुंचाऊ
बन के कबूतर प्रेम प्यार के संदेश पहुंचाऊ
बन के बत्तख गावों के तालाबों मेँ डुबकी लगाऊं
तोता बन मिठठू मिठठू चिल्लाऊं
जब पराग के कण चिड़ियों ने पंखों से चिपकाये
दूर दूर तक उड़ उड़ कर फिर फूलों पर बिखराये
बन के मैं भी पराग कण दूर उड़ जाऊँ
शालिनी शर्मा
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