Dagabaj

   जीना सिखाया जिनको वो 
   आँखे  दिखा रहे हैं 
   जो चीज मेरी थी 
   उसे अपना बता रहे हैं 
      जिनको खड़ा किया 
चलना सिखा दिया 
    वो धक्का देके मुझको 
  आगे दोड़े जा रहे हैं 
     उचाईयों को छूने की 
हसरत लिए हुए 
      पर मेरे काट 
वो जगहअपनी बना रहे हैं 
      मेरे नाम से कमाया 
मुनाफा अभी तलक 
     नाम हटा कर मेरा 
अपना लिखा रहे हैं 
      अहसान फरामोश हुए हैं 
वो इस कदर 
     मेरा सिखाया आज वो 
मुझको सिखा रहे हैं 
                    शालिनी शर्मा 

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