ek bechara kam ka mara

ऑफ़िस ने उसकी जिन्दगी को बोर कर दिया 
पैंडिंग था काम बोझ ने कमजोर कर दिया 
कल होगा पूरा बॉस को ये श्योर कर दिया 
नाइट को ,काम करके उसने भोर कर दिया 
नींदों की थकन ने दर्द हर ओर कर दिया 
पलभर को लेटे ,बच्चो ने शोर कर दिया 
झुझंला के बच्चो को ,आउट डोर कर दिया 
व्यस्तता ने खुशियों को सोर कर दिया 
                                शालिनी शर्मा 

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