HASYE

                                             पैरोडी (हाय हाय ये मज़बूरी ये मौसम और ये दूरी )
हाय हाय ये वेन्टीलेटर 
क्यों आये मुझे यँहा लेकर 
मेरी सांस उखड़ती जाये 
ये दो टकिया दे डाक्टर 
मेरा रोग समझ ना पाये 
       वो देखो यम दरवाजे पर खड़ा 
       मुझे बुलवाये 
      कितने दिन धड़केगा दिल 
      जब स्वर्ग द्वार खुल जाये 
मरना तो फिर भी है पर बिल 
बिना बात बढ़वाएं 
मैं अंग दान करना चाँहू 
कोई अंग दान करवाये 
         ये दो टकिया के ------------------
                              शालिनी शर्मा 


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