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HINDI
POEMS
"कब किसकी जिन्दगी का सूरज यहां ढले
क्या होने वाला पल में किसको पता चले
हर पल है कीमती, ना व्यर्थ यूं गवां
कहाँ रौशनी मिले ,दीये के बिन जले.... "
शालिनी शर्मा
"कब किसकी जिन्दगी का सूरज यहां ढले
क्या होने वाला पल में किसको पता चले
हर पल है कीमती, ना व्यर्थ यूं गवां
कहाँ रौशनी मिले ,दीये के बिन जले.... "
शालिनी शर्मा
जितनी खुशी मिले,
सारी समेट ले
कुछ दिन ही चलते हैं साँसों के सिलसिले
आवाज दे उन्हें संग चलने को सफर पर
अब दूर कर ले अपने ,सब शिकवे और गिले
शालिनी शर्मा
नमस्कार दोस्तों
आज की पोस्ट में प्रस्तुत किये हैं जीवन की सच्चाई को समेटे हुए कुछ मुक्तक। ये सबसे बड़ा सच है कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है वो मोक्ष को प्राप्त जरूर होगा। दुनिया का ,यहां की वस्तुओं का मोह बेकार है। बस जब तक यहां है अपने कर्तव्यों का पालन करते रहना चाहिये। अच्छे कार्य करते रहना चाहिये। किसी भी प्राणी का दिल नहीं दुखाना चाहिये।
इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत हैं ये कुछ हिन्दी दोहे
विकट घडी सिर पे खड़ी लगा जहर का बाण
घायल हरियाली पड़ी कोई बचा लो प्राण
जगंल में दगंल करें दो शावक दो शेर
पल में एक शिकारी करता उन चारो को ढेर
पारितंत्र में सब जीवो का अपना है स्थान
प्राकृतिक आवास का इनके ना करना नुकसान
शालिनी शर्मा
ये सभी नीचे चित्रित चीजे पर्यावरण के लिये हानिकारक हैं
SAVE NATURE SAVE FUTURE
With regards
THANKS
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