कविता

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बात बात में बात बढ़ी ,फिर बात बात में राड 
बात बात में कहते हैं ,  मैं तुझको दूंगा फाड़ 
बात कुछ नही, बिना बात के बात  बढ़ाते हैं 
कुछ, बिन बात हर एक बात  में टांग अडाते हैं 
                                       शालिनी शर्मा 

जब तक बारिश नही होती
तभी तक मौसम सुहाना होता है 
 जब तक कहा सुनी नही होती 
  तभी तक दोस्ताना होता है 
                                          शालिनी शर्मा 

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