<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-3877412461391743"
crossorigin="anonymous"></script>
मैं धरती हूँ तू मेरा आसमान है
मैं हूँ सितार तू मधुर सुरीली तान है
नदिया हूँ मैं तू है सागर
पनघट हूँ मैं तू है गागर
मैं हूँ पतंग और डोर है तू
मैं हूँ किरण और भोर है तू
मैं एक गजल और गीत है तू
मैं धुन हूं और संगीत है तू
मैं हूँ यमुना और गंगा तू
मैं हिन्दुस्तान तिरंगा तू
शालिनी शर्मा
नमस्कार दोस्तों
लीजिये पेश है आज की पोस्ट। आपको मेरी लिखी कविताये पसंद आ रही हैं बहुत बहुत धन्यवाद। एक अन्य नई रचना पेश कर रही हूँ समर्थन कीजियेगा।
धन्यवाद
"मतलब की दुनिया में हमको
मतलब एक दूजे से रखना
मैं कमी तुम्हारी ढक लूंगी
तुम मेरी कमियों को ढकना --"
मैं हूँ सितार तू मधुर सुरीली तान है
नदिया हूँ मैं तू है सागर
पनघट हूँ मैं तू है गागर
मैं हूँ पतंग और डोर है तू
मैं हूँ किरण और भोर है तू
मैं एक गजल और गीत है तू
मैं धुन हूं और संगीत है तू
मैं हूँ यमुना और गंगा तू
मैं हिन्दुस्तान तिरंगा तू
शालिनी शर्मा
लीजिये पेश है आज की पोस्ट। आपको मेरी लिखी कविताये पसंद आ रही हैं बहुत बहुत धन्यवाद। एक अन्य नई रचना पेश कर रही हूँ समर्थन कीजियेगा।
धन्यवाद
"मतलब की दुनिया में हमको
मतलब एक दूजे से रखना
मैं कमी तुम्हारी ढक लूंगी
तुम मेरी कमियों को ढकना --"
Comments