मन की वीणा से वन्दन करे देवी माँ
ज्ञान का कोष भर दे तू हे देवी माँ
श्वेत हंसो सा मन हो कमल सा हो तन
पूजा के थाल जैसा हो जीवन मरण
राह के कष्ट हर ले तू हे देवी माँ
ज्ञान का-------------
गंगाजल जैसी निर्मल हो बोली मेरी
त्याग,सदभावना हो हमजोली मेरी
सेवा का भाव दे तू मुझे देवी माँ
ज्ञान का -------------
द्वेष ,ईर्ष्या का कर दे तू अब नाश माँ
सत्य,और खुद पे हो मेरा विश्वास माँ
सद्विचारों का वर दे तू हे देवी माँ
ज्ञान का --------------
हो निरोगी बदन ,खुशियों का हो चमन
नम ना हो गम से मेरे कभी ये नयन
होंसले ना कभी कम हो हे देवी माँ
ज्ञान का --------------
वर दे सम्पन्नता का ,सुख समृद्धि दे माँ
ज्ञान और धैर्य में कर दे वृद्धि हे माँ
जग का कल्याण कर दे तू हे देवी माँ
शालिनी शर्मा
नमस्कार दोस्तों
अगर आप ज्ञान ,बुद्धि ,कौशल ,सदविचार ,विवेक,धैर्य ,परोपकार ,शान्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो माँ शारदे का वन्दन कीजिये। माँ का वन्दन करने से आपके मन को एकाग्रता ,स्थिरता और मजबूती मिलेगी।
किसी भी शुभ कार्य का प्रारम्भ करने से पहले सरस्वती की वन्दना
जरूर कीजिये। माँ के वंदन में एक आलोकिक आत्मसुख ,आत्मसंतोष ,आत्मविश्वास और आत्मबल मिलता है।
जीवन में पाना ,खोना तो चलता ही रहेगा
जीवन है समय चक्र , बदलता ही रहेगा
सूरज के संग शाम तो आनी जरूर है
बन ज्ञान का दीया जो चमकता ही रहेगा
शालिनी शर्मा
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