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सरहद पर तैनात सैनिको को उनके प्रियजनो का सन्देश
"दिल की गली को हमने तब आबाद कर लिया
फुरसत में दो घड़ी तुम्हे जब याद कर लिया
जीवन में दिये जल गये खुशियों के सैकड़ो
हैप्पी दीवाली कह मुबारकबाद कर लिया..."..
"दिल की गली को हमने तब आबाद कर लिया
फुरसत में दो घड़ी तुम्हे जब याद कर लिया
जीवन में दिये जल गये खुशियों के सैकड़ो
हैप्पी दीवाली कह मुबारकबाद कर लिया..."..
जलते दीयों की रोशनी दिल लुभा रही बहुत
पर इक अँधेरी झोपड़ी दिल दुखा रही बहुत
ना तेल ना बाती ना छत रखे कहां दिये
बेघर का दीवाली ये दिल सता रही बहुत
बच्चे ने दीवाली पे मांगे जब नये कपड़े
तो दुःख गरीब माँ का ये बढ़ा रही बहुत
देखा उन्हें खाते हुए दीवाली पे मिष्ठान
भूखे को मुँह में लार आ चिढ़ा रही बहुत
शालिनी शर्मा
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