व्यंग मुक्तक

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महंगाई 
"जीवन में खलल डाल दूँ मैं वो बवाल हूँ 
निर्धन ना जिसको खा सके वो महंगी दाल हूँ 
उत्तर ना जिसका मिल सका मोदी को अभी तक 
महंगाई का उलझा हुआ वो इक सवाल हूँ "
                                      शालिनी शर्मा 
नोकरी 
"मैंने किया बर्बाद सपनो को हजारो के
कब सुधरेंगें हालात  बेरोजगारों के 
फिरते हैं डिग्रियां लिये  पर मैं नही मिली 
फिर क्यूँ निरक्षर ख्वाब देखें रोजगारो के "
                                        शालिनी शर्मा 



कांग्रेस वो दवा है जो एक्सपायर हो गयी 
दस वर्ष इटली मैंम जनरल डायर हो गयी 
कर दी दफन कुँए में एक सिंह की आवाज 
पप्पू की माँ जज ,कुर्सी पीएम लायर हो गयी 
                                        शालिनी शर्मा 
नमस्कार दोस्तों 
       हास परिहास की कुछ रचनाएं आपकी सेवा में
प्रेषित हैं अगर कंही मन में गुड़गुड़ाहट हो तो हौसला अफजाई जरूर कीजियेगा सम्बल मिलेगा मुझे। 
                          धन्यवाद 


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