नफरत नही

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HINDI POEMS
नफरत कम करते भी कैसे
जब उसने दिल तोड़ दिया
दिया सहारा मतलब से बस
मतलब निकला छोड़ दिया
                   शालिनी शर्मा
तिनके का उनको सहारा ही सही
डूबते को मिला किनारा ही सही

मुश्किल सफर था तय कर लिया
दिल दो पल तो घबराया ही सही

कड़वा कहा या कुछ मीठा कहा
चलो थोड़ा कुछ सिखाया ही सही

रूसवाइयों का मेरी दुख तो किया
था बेशक झूठा दिखावा ही सही

बहुत दिन हुए,आज आवाज दी
अच्छा लगा कि बुलाया ही सही

करो मोहब्बत ,करो चाहे कम
कदमो में चाहे ठिकाना ही सही

बुरा ही बुरा बस कहता रहा
तुझको हूँ याद इतना ही सही

दुआ है वो फिर से जीने लगे
वो जिन्दगी का मारा ही सही
                     शालिनी शर्मा

खून चूसती मंहगायी में
हीमोग्लोबिन बचा कहां
सीवर का पानी पीने को
शुद्ध सांस को हवा कहां
सब कुछ डुप्लीकेट यहां
कुछ ओरिजिनल बचा कहां
                      शालिनी शर्मा

आज आप मुझे पढ़ने बहुत दिन बाद आये फिर भी बहुत बहुत आभार आपका स्वागत आपका

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