महिला दिवस-हास्य

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HINDI POEMS
just for fun 😻😻😻😻
आजा तू एक बार अब तो ख्वाब में
डूबी हुई है जिन्दगी मेरी शराब में

देखा किये ऑफिस की खाली सीट हम
अब कुछ मजा नही है बेकार जाब में

छोड़ी है जब से सर्विस चर्चा तेरी ही है
गिनते है लोग काम अब मेरा खराब में

जब से गयी है तू खामोश है मोबाइल
करती नही है मैसेज तू कोई जवाब में

खिचड़ी ही लंच में खाने लगा हूँ अब
 बेस्वाद है चिकन टेस्ट नही कबाब में

झगड़ा था बास से दो चार उसको कहती
क्यों दे दिया रिजाइन आकर दवाब में
                     शालिनी शर्मा


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