सुबह की कविता

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HINDI POEMS
सूरज मनोहर चढ़ चुका अब आप भी जग जाइये
करके सुबह  स्नान  तन    में  ताजगी  भर  लाइये
गर  चाहते  हैं तन  निरोगी , योग  भी    अपनाइये
आनन्द ले शीतल पवन का,फूलों से मिल   आइये
                            शालिनी शर्मा

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