नयी कविता

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HINDI POEMS
आंसू कम हो गये सिसकियों के लिये
दूर वो  जा   रहे  हिचकियों  के  लिये

रोयेगें  याद  करके   अकेले  में   हम
ये  मोहब्बत  नही  फब्तियों  के लिये

आसमा में  नही  कोई  बदली  दिखी
राह  दे  दी  सुबह  रश्मियों  के  लिये

उनके महलो  में रोशन  सितारे  सदा
हैं   अंधेरे  मेरी   बस्तियों  के   लिये

एक भी फूल  अब  देख हंसता  नही
हैं  वीराने  चमन तितलियों  के  लिये

सूखी  धरती  में केवल  दरारे  दिखी
खेत प्यासे हैं  इन  बदलियों के लिये
                            शालिनी शर्मा

प्रीत से गागर भरी है
पर छलकती बूंद भर
रश्मियां सागर निहारे
बेला,चम्पा गूंद कर
सूर्य की परछायी
लहरे खेले आँखे मूंद कर
गोद से लायेगीं वो
कितने ही मोती ढू़ढ़ कर

                 शालिनी शर्मा

सूरज  की किरणे  कह रही  उल्लास की कहानी
चिड़ियों   की  चहक में भी  है इक  नयी   रवानी
फूलों ने कलियों ने किया स्वागत किरण का हंस के
बागो में ,  खेतो  में  हंसी   है  फिर   से  जिन्दगानी

                             शालिनी शर्मा

धूप    से   , उमस    से     पोधे   बचाइये
हंसती     रहे      बहारे   खुश्बू    फैलाइये
कलियां हैं सहमी सहमी अन्जाना खौफ है
उपवन से  कली  फूलों का ये ड़र मिटाइये

                            शालिनी शर्मा

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