बारिष,पानी



HINDI POEMS
नमस्कार दोस्तो

कहीं  सूखा ,कहीं  बारिश झमाझम  की  कहानी है
कहीं खुशियां ही खुशियां हैं कही गम की कहानी हैं
कहीं  बंजर  धरा  है  और  कहीं फूलो की क्यारी है
कहीं  रोशन  सितारे  हैं  कहीं   तम  की  कहानी  है
                                   शालिनी शर्मा


तेज है आंधी ,तेज है बारिश, कैसी मची तबाही है 
चैन से जीने की  छप्पर वालो  को  यहां मनाही है 
कैसा जीवन  जीते हैं  ये  आंख खोलकर देखो तो
अच्छा नहीं आषाढ़ गरीबों की ये दुखद  गवाही है              

                                      शालिनी शर्मा

मैं छोटा  बच्चा  हूं  मुझको  है पुस्तक  से  प्यार  
बिना पढ़े नही रहना मुझको बनकर एक गवांर
मोटी मोटी पुस्तक पढ़ता पहन के  मोटा चश्मा
मैं चाहता हूँ मिले  आपका मुझको हरदम प्यार

                                शालिनी शर्मा




लंबी  खामोशी  ने  उनकी  हमको  इतना तोड़  दिया
खुद से  ही  बातें करते  हैं खुद से  इतना  जोड़  दिया
शब्दों  के  खंजर को  मन की पीड़ा का एहसास नही
भरते जख्मों को खंजर ने फिर अंदर तक फोड़  दिया
                              शालिनी शर्मा



फोटो ग्राफ इन्टर नैट से साभार with thanks to photographer


बूंद  बूंद  छलका  है  पानी
मन प्यासा नल का है पानी
              गर्मी  की  सौगात  है  पानी
              भाता अब दिन रात है पानी
बरखा ले जब आती  पानी
प्यासी  भू  पी जाती  पानी
               माली ने  जब  दिया  है  पानी
               हंसी है कलियां  पिया है पानी
                                 शालिनी शर्मा

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