जिन्दगी शालिनी शर्मा की कविता


HINDI POEMS
वो बात करें अंगारो की  जिनको दीये नही भाते  हैं
क्या खाक उजाले देगें वो जो जलते दीये बुझाते  हैं

जो  रोके राहे कांटो से  क्या  ठीक पता  समझायेगें
वो पार लगायेगें नौका क्या  खुद जो नाव डुबाते  हैं

सवालो  के  क्या  देगें  वो   जवाब   पूछते  हो  क्यों
चलन  पे  लोग  जिनके आज तक  उंगली उठाते हैं

तू मुझसे क्यों  कहे के मुझमें हैं  कमियां  बहुत सारी
वो क्रोधित होते हैं जब उनकी हम कमियां गिनाते हैं

गये  थे   वो  बड़ी   उम्मीद  से  हम  सब  बदल   देगें
मगर  सिस्टम वो शै है जिसके रंग में रंग सब जाते हैं

समय  कब  अच्छा  आयेगा  इसी  उम्मीद में  हैं सब
नये ख्वाबो  की तस्वीरे बना कर  कर हम  मिटाते हैं

बढ़ेगी इस  कदर  मंहगाई तो  फिर सोचो होगा क्या
वो  रोटी  खायेगें  कैसे  जो  थोडा़  कम  कमाते  हैं

                                        शालिनी शर्मा

कांटो भरी है  जिंदगी  अड़चन भरा सफर
दुश्वारियों  से  ही  शुरू  हमने  करा  सफर
मंजिल का कुछ पता नहीं ना दूरी का पता
अनजान रहा खुल के ना मिला जरा सफर
                                   शालिनी शर्मा
फोटो सआभार फेसबुक

कैसे  करे   इन्कार  हम   कैसे   करे    इकरार
जब हम हैं बरबादी के अपनी खुद ही जिम्मेदार

बिगड़ी हवाओं  को   ना  दोष  दे  सकेगें   हम
नफरत  का बीज बोया  वो अब हो गया तैयार

जब हमको  कभी भायी ना  इन फूलों की हंसी  
खुशियों की जगह आँसूं करने होगें ही स्वीकार

घर  आग  से   तेरा   घिरा  झुलसेगा   मेरा  भी
क्यों कि  तेरे  घर के  हैं हम भी  एक हिस्सेदार

एक  एक  करके  पंछी  सभी   उड़  गये  कहीं
पतझड़ गया  मगर ना  कभी आयी  फिर बहार

सुलझायी  हमने जिन्दगी  पर  ना  सुलझ सकी
उलझन नयी आ के खड़ी हो  जाती  है हर बार
                                  शालिनी शर्मा

जिन्दगी  जैसी  भी  थी वैसी  ही काट ली
खुशियां पास जितनी थी वो सारी बांट ली

उसने सफर  में फूलो  की राहें  सभी चुनी
हमने ड़गर कांटो  से भरी  सारी छांट  ली
                                
हमने  खटास  रिश्तो में  पड़ने कभी ना दी
एक  एक करके खोल  हमने सारी गांठ ली

जब  होने लगी  गहरी खाई  दरमियां अपने
वो और  गहरी ना हो  उससे पहले  पाट ली

उसने दुआएं  जितनी भी दी सब  समेट ली
सारी दुआं सिर आँखों पे मस्तक ललाट ली

वो बेहतरी  चाहती  है  मेरी  ड़ाटती  तब ही
हमने दुआ समझ के  उसकी सारी डांट ली
                      शालिनी शर्मा
                                  

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