HINDI
POEMS
महनत का हो परिणाम कुछ भी ना निराश हो
अच्छा ही होगा सब, ये आस अपने पास हो
धरती सिमट के एक दिन कदमों में आएगी
गर लक्ष्य साधने का हुनर तेरा खास हो
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शोला बने चिन्गारी वो काम कर रहा है
खुद आग लगा के हवा बदनाम कर रहा है
शातिर दिमाग की कोई चालाकी न समझा
खुद नाव डुबा लहर को इल्जाम कर रहा है
शालिनी शर्मा
महनत का हो परिणाम कुछ भी ना निराश हो
अच्छा ही होगा सब, ये आस अपने पास हो
धरती सिमट के एक दिन कदमों में आएगी
गर लक्ष्य साधने का हुनर तेरा खास हो
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शोला बने चिन्गारी वो काम कर रहा है
खुद आग लगा के हवा बदनाम कर रहा है
शातिर दिमाग की कोई चालाकी न समझा
खुद नाव डुबा लहर को इल्जाम कर रहा है
शालिनी शर्मा
कठिन परीक्षा में होते है पास वही तो अक्सर
महनत जो करते जिनको नही भाता कोई बिस्तर
महनत और संघर्ष,लगन बस इक जुनून ही काफी
खुदबखुद आगे बढने को मिल जाते है अवसर
शालिनी शर्मा
महनत जो करते जिनको नही भाता कोई बिस्तर
महनत और संघर्ष,लगन बस इक जुनून ही काफी
खुदबखुद आगे बढने को मिल जाते है अवसर
शालिनी शर्मा
दुतिचन्द ने दिलवाया भारत को सम्मान
किये बिना संघर्ष नही है पाना कुछ आसान
दुतिचन्द की उपलब्धि से मान बढा भारत का
दिला के सोना भी पर बेटी को न मिली पहचान
शालिनी शर्मा
किये बिना संघर्ष नही है पाना कुछ आसान
दुतिचन्द की उपलब्धि से मान बढा भारत का
दिला के सोना भी पर बेटी को न मिली पहचान
शालिनी शर्मा
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