मेरा भारत


गीत
खुशहाली की अविरल धारा बहे सदा ये जतन करू
पावन भूमि मेरे देश की ,शीश झुकाऊं नमन करूं

कण कण से मोती उपजाऊं ,कण कण से पाऊं सोना
धन-दौलत, वैभव से पूरित हो हर घर, कोना कोना
देश का हित हो सबसे ऊपर निज स्वार्थो का दमन करूं
खुशहाली की --------------------

कोयल के स्वर सदा सुनाई दे बागो में उपवन में
और जंगल में हो मंगल बेखोफ पशु घूमें वन में
मेरे देश की हवा स्वच्छ हो और न दूषित  पवन करूं
पावन भूमि मेरे-------------
                           
मेरे देश की धरती गाती गाथा शौर्य पराक्रम की
इस धरती में खेती होती मेहनत और परिश्रम की
रोज रोज नतमस्तक होकर वन्दन तेरा वतन करू
पावन भूमि मेरे देश की------------
                               शालिनी शर्मा

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