मौसम,फूल शालिनी शर्मा कविता



             पासिगं आउट परेड़


बगिया महक रही फूलो से,कली कली मुस्कायी
भंवरे गुंजन करे बाग में ऋतु बसन्त जब आयी
धरती ने सरसो का आँचल हवा संग लहराया
कण पराग के छितर गये तितली पर मस्ती छायी
                               शालिनी शर्मा




 मेरे  गुलशन  में,  बगिया में  बहारे  मुस्कुरायी  हैं
गुलिस्तां में गुलो की  खुश्बुएं   चहुं ओर छायी  हैं
तमन्ना   है   फले  फूले  चमन  गैंदा  ,  गुलाबो  से
दुआ माली की कुछ हद तक गुलो के काम आयी हैं


HINDI POEMS

 आसमान से टपकी बूंदे नर नारी हर्षाये
धरती बोली इन बूंदो को नजर न हाय लग जाये
सावन ने दी है दस्तक अब प्यास रहे न बाकी
हरियाली होगी उपवन में कली फूल मुस्काये


                                             


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