दोहे








शालिनी शर्मा की कविता
नमस्कार दोस्तों 
फिर हाजिर  हूँ आप के सम्मुख समीक्षार्थ दोहे लेकर आपका स्नेह और आशीर्वाद मुझमें नयी ऊर्जा का संचार करता है आशा है मेरी रचनाओं को इस बार भी आपका प्यार और आशीर्वाद मिलेगा जैसा कि हमेशा मिलता है कमेन्ट में आपके सुझाव आमंत्रित है
                              सादर
दोहे
हार जिन्दगी में कभी,मत करना स्वीकार|
अगर हौंसला पास हो,जीत नही दुश्वार ||
                 
सपनो को साकार कर,पूरे कर अरमान |
जंजीरो को तोड़ कर,ताकत को पहचान ||

दृढ़ता पत्थर सी भली,कोमलता ज्यों फूल |
साहस से राह के चुनो,बिछे हुए जो शूल ||                 

महनत देती है सदा,खुशी और सम्मान |
महनत से होती सदा,हर मुश्किल आसान ||


दुश्मन की ललकार पर ,ड़रना मत ए वीर |
अगर हौंसला पास हो, टूटे हर जंजीर ||

आँधी है तूफान हैं,हालत है गम्भीर|
जीवन की कठिनाइयां,सह ले धर कर धीर ||
                      शालिनी शर्मा


















Comments