शालिनी शर्मा की कविता






मन का अँधियारा मिटे,बिछे राह में फूल |
तुझे सभी खुशियां मिले,आंसू मुझे कुबूल |
तेरी पीड़ा, मुश्किले, हर ले सब  भगवान |
रक्षा करते  राम जी,  सारी चिन्ता भूल ||
                    शालिनी शर्मा
पटाखों से बच्चे डरते हैं,बीमार परेशान होते हैं अत: दीपावली पर पटाखे  न चलायें
ये कोको की प्रार्थना है


कोको पटाखों की आवाज पर कांप जाता है और ड़र कर या तो कोने में छिप जाता है या गोदी में 

दोहे
 फोड़ पटाखे कर रहे,हवा प्रदूषित लोग |
वायु प्रदूषण से बढ़ें,श्वसन,उदर के रोग ||
                    शालिनी शर्मा



 बारूदी काला धुआँ,देता है दम घोट |
धन की बर्बादी करें,और फूंकते नोट ||
                     शालिनी शर्मा

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