भारत
है गाँव की गलियों में भारत
फूलों की कलियों में भारत
बागों की कतारों में भारत
वर्षा की फुँहारो में भारत
गंगा के चरणों में भारत
गाते हुए झरनों में भारत
मंदिर में बसता है भारत
मस्जिद में हँसता है भारत
दीयों रंगोली में भारत
रंगो की होली में भारत
वेदों के मंत्रों में भारत
तुलसी के छन्दो में भारत
अंडमान की जेल में है भारत
हर लोकल रेल में है भारत
भारत गांधी का देश है
जहाँ अहिंसा का सन्देश है
भारत में रंग अनेक हैं
पर दिखते तो सब एक हैं
हिंदू मुस्लिम या सिख इसाई
आपस में सब भाई भाई
कोई बंगाली कोई मद्रासी
कोई उत्तर भारत का वासी
सबका अपना एक ढंग है
पर भारत के सब अंग हैं
शालिनी शर्मा
है गाँव की गलियों में भारत
फूलों की कलियों में भारत
बागों की कतारों में भारत
वर्षा की फुँहारो में भारत
गंगा के चरणों में भारत
गाते हुए झरनों में भारत
मंदिर में बसता है भारत
मस्जिद में हँसता है भारत
दीयों रंगोली में भारत
रंगो की होली में भारत
वेदों के मंत्रों में भारत
तुलसी के छन्दो में भारत
अंडमान की जेल में है भारत
हर लोकल रेल में है भारत
भारत गांधी का देश है
जहाँ अहिंसा का सन्देश है
भारत में रंग अनेक हैं
पर दिखते तो सब एक हैं
हिंदू मुस्लिम या सिख इसाई
आपस में सब भाई भाई
कोई बंगाली कोई मद्रासी
कोई उत्तर भारत का वासी
सबका अपना एक ढंग है
पर भारत के सब अंग हैं
शालिनी शर्मा
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vande matram