भारत के महाराष्ट के लातूर में सूखा, वहां के लोग पानी और भूख से बेहाल हैं जब वहां के लोगो के बारे में सोचा तो बस कुछ पंक्तिया दिमाग में कोंध गयी
ये नदिया ,ये झरने
मेरे काम के नही
किसी काम के नही
अपना घड़ा भरे ना घड़ा और का भरे
घंटो हुए हमे यंहा इस लाइन में खड़े
उनको कुंआ मिले ,है कुंओ की जिन्हे तलाश
मुझको तो बस मेरे नल में कुछ बूंद ही मिले
ये नदिया ये झरने -------------------------
शालिनी शर्मा
ये नदिया ,ये झरने
मेरे काम के नही
किसी काम के नही
अपना घड़ा भरे ना घड़ा और का भरे
घंटो हुए हमे यंहा इस लाइन में खड़े
उनको कुंआ मिले ,है कुंओ की जिन्हे तलाश
मुझको तो बस मेरे नल में कुछ बूंद ही मिले
ये नदिया ये झरने -------------------------
शालिनी शर्मा
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